एक मछुआरा एक नदी में मछली पकड़ने जाता है, वह अपना जाल नदी में फेंकता है और वहीं मछलियों का इंतजार करता रहता है ताकि वह बाजार में ढेर सारी मछलियां बेच सके और मछली से कुछ अच्छा पैसा कमा सके ,यह सोचते – सोचते काफी देर गई। यह सोचकर कि, उसे जाल में बहुत सारी मछलियाँ मिलनी चाहिए। उसने जाल को पानी से बाहर निकालने लगा , तभी उसने देखा कि उसमें एक छोटी मछली है वह छोटी मछली मछुआरे से कहा कि ओह मछुआरे, कृपया, कृपया, कृपया मुझे छोड़ दो ,मुझे छोड़ दो, लेकिन मछुआरे आदमी ने मछली के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन फिर भी , छोटी मछली ने मछुआरे से कहा कि ओह मछुआरे यार, मैं तुम्हें कुछ बताऊंगी जिससे तुम्हे बहुत पैसे मिलेंगे. जो एक बहुत बड़ी मदद है। अगर तुम मुझे पानी में छोड़ दो तो मैं अपने सभी दोस्तों को तुम्हारे बारे में बताऊंगी । और मैं उन्हें पहले नदी के किनारे लाउगि । ताकि, जब आप अगली बार आएं तो आपके पास बहुत अधिक मछलियां हो , जो खुद से WOW करे, और तुम्हारे साथ आ जाएँ ,मछुआरे ने सोचा यह बुरा नहीं है। वह सोच रहा था। उसने सोचा … एक छोटी मछली के चलते अब मुझे बहुत सारी मछलियां मिलेगी, और यह सोचकर मछुआरे ने मछली को नदी में छोड़ दिया ,और मछली नदी में खुशी -ख़ुशी तैरने लगी और नदी में अंदर चली गई , और और साड़ी मछलियों को बता दिया की वो नदी के किनारे पर न जाएँ नहीं तो मछुआरा पकड़ ले जायेगा ,अगले दिन जब मछुआरा आया तो उसको कोई मछली नहीं मिली और वो चुपचाप वापस चला गया। इस तरह से चालक छोटी मछली ने न सिर्फ अपनी जान बचाई बल्कि अपने साथियों को भी बचा लिया और मजे से नदी में तैरने और खेलने लगी।
इससे हमें ये शिख मिलती है की मुसीबत के समय भी हमें अपना सहस नहीं छोड़ना चाहिए और ठंडे दिमाग से सोचने पर हम मुसीबत से बहार निकल सकते हैं.
Moral-इससे हमें ये शिख मिलती है की मुसीबत के समय भी हमें अपना सहस नहीं छोड़ना चाहिए और ठंडे दिमाग से सोचने पर हम मुसीबत से बहार निकल सकते हैं.
